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आखिर क्यों मनाया जाता है "वर्ल्ड नो टोबेको-डे", जानिए इससे जुड़े तथ्य
दुनिया भर में हर वर्ष मई 31 का दिन "वर्ल्ड नो टोबेको-डे" के रूप में मनाया जाता है। इसकी शुरुआत वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने 1987 में तंबाकू के सेवन से होने वाली मौतों में वृद्धि को देखते हुए की थी। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य तंबाकू या इसके उत्पाद पर रोक लगाना और इसके इस्तेमाल को कम करने के लिए लोगों को जागरुक करना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार तम्बाकू का इस्तेमाल करने वाले लोगों में संक्रमण का खतरा अधिक होता है और इन लोगों पर वैक्सीन का असर भी कम रहता है। द लैंसेट जर्नल में पब्लिश रिपोर्ट 'ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज' के अनुसार भारत में 15 से 24 वर्ष की आयु वाले युवा स्मोकर्स की संख्या 2 करोड़ हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक हर पांच में से एक व्यक्ति की इससे मौत हो रही है। साल 2021 के लिए "वर्ल्ड नो टोबेको-डे" की थीम ‘छोड़ने के लिए प्रतिबद्ध’ (Commit to Quit) है।