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भारत के उच्चतम न्यायालय ने किया मराठा आरक्षण को रद्द
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में मराठा आरक्षण को रद्द करते हुए कहा कि मराठा समुदाय के लोगों को शैक्षणिक और सामाजिक रूप से पिछड़ा नहीं कहा जा सकता। इससे पहले वर्ष 2018 में महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समुदाय को 16 प्रतिशत आरक्षण दिया था। महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले को बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी सही बताया था। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार के इस फैसले का समर्थन किया था।