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दो वक्त की रोटी के मोहताज हुए पूर्व सैनिक, बहादुरी के लिए मिल चुका है मेडल
भारत और चीन के बीच 1971 में हुए युद्ध में बहादुरी दिखाने के लिए मेडल ले चुके शेख अब्दुल करीम आज दो वक्त की रोटी के लिए राज्य सरकार से मदद की गुहार लगा रहें हैं। 1964 में अपने पिता की जगह सैनिक बने शेख अब्दुल करीम आज ऑटो चलाने पर मजबूर हैं। उन्होंने बताया कि इंदिरा गांधी के शासन में निकाले गए सेना के अतिरिक्त सैनिकों में से एक वो भी थे। आज उनके पास ना कोई जमीन है ना बेहतर रोज़गार जिसके चलते उन्हें ऑटो चलाना पड़ रहा है।