कृषि आंदोलन की आड़ में भारतीय लोकतंत्र के लिए साजिश रच रही हैं स्वीडन की ग्रेटा थनबर्ग
भारत में दो महीने से जारी किसान आंदोलन अब अंतरराष्ट्रीय भारत विरोधी मंशा रखने वालों के लिए एक हथियार बनता जा रहा है, जो बेहद चिंताजनक है। स्वीडन की 18 वर्षीय पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने फरवरी 3 को एक ट्वीट पोस्ट किया, जिसमें पूरे फरवरी महीने में आंदोलन को उग्र बनाने की रणनीति बनाई गई थी। थनबर्ग ने आरएसएस व भाजपा को फांसीवादी सत्ताधारी दल बताते हुए हैशटैग आस्क इंडिया व्हाई के संग जुड़ने की अपील की।