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रोज़ाना चलने से बढ़ती है बौद्धिक क्षमता, रचनात्मकता में होती है वृद्धि
ऑस्ट्रिया के ग्राज़ विश्वविद्यालय में हुई एक स्टडी में यह पता चला है कि चलने से मनुष्य की रचात्मकता (Creativity) में वृद्धि होती है। एक्सपर्ट्स की एक टीम ने पांच दिनों तक 80 स्वस्थ व्यक्तियों को अलग-अलग रचात्मकता टास्कस की श्रंखला से गुज़ारा। सभी टेस्ट्स के बाद उन्होंने यह निष्कर्ष निकला की जो लोग दिन-प्रतिदिन जीवन में शारीरिक रूप से ज़्यादा सक्रिय थे, वे आलसी जीवनशैली वाले लोगो की तुलना में बेहतर विचारों के साथ आने में ज़्यादा सक्षम थे तथा वे ज़्यादा खुश भी थे।