western himalaya birds

फोटो: The Wire Science

खतरे में पश्चिमी हिमालय के पक्षी, बदलाव की वजह से पक्षियों की आबादी 80% घटी

पश्चिमी हिमालय के जंगलों की भूमि उपयोग में बदलाव आने के कारण पक्षियों की आबादी में 80 फीसदी की गिरावट आई है। जर्नल ग्लोबल इकोलॉजी एंड कंजर्वेशन में प्रकाशित एक शोध के अनुसार जहां वनों को नुकसान पहुंचा है, निर्माण कार्य या फिर खेती की गई है वहां पर पक्षियों की प्रजातियों में बदलाव देखा गया है। ओक के जंगलों में पाए जाने वाले पक्षियों की आबादी में 67 से 92 फीसदी की… read-more

मंगल, 01 जून 2021 - 09:50 AM / by अभिनव शुक्ला

Tags: Birds, environment, deforestation, Forests

Courtesy: Down To Earth

Deforestation in Chatarpur District

फोटो: Redwood Hikes

मध्य प्रदेश में हीरा खनन के लिए 2 लाख पेड़ काटने के निर्णय का हो रहा है विरोध

छतरपुर जिले के बक्सवाहा क्षेत्र में बीस साल पहले हुए सर्वेक्षण के बाद 3.4 करोड़ कैरट हीरे मिलने का अनुमान लगाया गया था। वन विभाग के मुताबिक इस क्षेत्र में 40 हजार सागौन के पेड़ों को मिलाकर कुल 2 लाख 15 हजार पेड़ हैं, जिनको हीरा खनन के लिए काटा जाना है। पेड़ काटने के खिलाफ यहाँ के युवा लगातार सोशल मीडिया पर इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यदि ये पेड़ कटे तो यहाँ भी चिपको आंदोलन शुरू होगा।

शुक्र, 21 मई 2021 - 02:01 PM / by अमन शुक्ला

Tags: Diamond Mining, deforestation, Madhya Pradesh, environment

Courtesy: Down to Earth

cutting two tree fined 1crore

फोटो: The News Minute

मध्यप्रदेश में पेड़ काटने पर लगा एक करोड़ का जुर्माना

मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में वन विभाग द्वारा सागौन के दो पेड़ काटने वाले किसान पर 1 करोड़ 21 लाख 7 हजार 700 रुपए का जुर्माना लगाया गया है। वन विभाग द्वारा पेड़ की 50 साल आयु मानकर एवं एक पेड़ से 11 लाख 97 हजार 500 रुपए अनुमानित ऑक्सीजन की कीमत के आधार पर जुर्माने की यह राशि तय की है। वहीं विभाग द्वारा आरोपित पर अनुमानित गणना कर का जुर्माना व ज्यूडिशियल रिमांड माँगा गया है। 

शुक्र, 30 अप्रैल 2021 - 04:50 PM / by Shruti

Tags: Madhya Pradesh, Trees, penalty, deforestation

Courtesy: zeenews

Sparrow

फोटो: WallpaperCave

विश्व गौरैया दिवस: जानिए क्यों घट रही है इनकी संख्या!

दुनिया भर में हर साल मार्च 20 को 'विश्व गौरेया दिवस' मनाया जाता है। गौरेया पक्षियों की संख्या लगातार घट रही है, जिसके संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा करने की ज़रूरत है। अध्ययन बताते हैं कि गौरेया की संख्या में 60 फीसदी तक कि कमी दर्ज की गई है। इंसानो की बदलती जीवनशैली से पर्यावरण का संतुलन बिगड़ना ही गौरेया के तेजी से विलुप्त होने का कारण है। गौरेया को बचाने के लिए घर की छत पर दाना, पानी रखें और आसपास पेड़ पौधे लगाएं जिससे उसे प्राकृतिक परिवेश… read-more

शनि, 20 मार्च 2021 - 05:41 PM / by मोहित भारद्वाज

Tags: Sparrow, world sparrow day, Environment news, deforestation

Courtesy: News18