दिल्ली में मिले दशकों पहले लुप्त हुए सीबोल्ड सांप, लेपर्ड गेको, आबोहवा के कारण हुई प्रजातियों की वापसी
दिल्ली में यमुना तट पर 70 से 100 साल पहले लुप्त हुए जानवर अब फिर से दिखने लगे है। नम भूमि पर मिलने वाला सीबोल्ड सांप, छिपकली की प्रजाति लेपर्ड गेको और बगुले की प्रजाति ब्लैक क्राउन नाइट हेरोन दिखी है। विशेषज्ञ इसे सकारात्मक संकेत मान रहे है। इन जानवरों की वापसी का कारण दिल्ली की साफ आबोहवा को माना गया है। यमुना जैव विविधता पार्क, अरावली पार्क और तिलपत वैली जैव विविधता पार्क में ये बदलाव दिखे है।
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भारत के चार स्थलों को रामसर सूची में किया गया शामिल
गुजरात के थोल झील वन्यजीव अभयारण्य, वाधवाना मरुभूमि, हरियाणा के सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान और भिंडावास वन्यजीव अभयारण्य को रामसर सूची में शामिल किया गया है। इसके साथ ही भारत में रामसर स्थलों की संख्या 46 हो गई है। जिसमें लोनार उल्का झील ( महाराष्ट्र), सूर सरोवर(उत्तर प्रदेश), कबरताल वेटलैंड (बिहार) और आसन कंजर्वेशन रिजर्व (उत्तराखंड) और त्सो कर आर्द्रभूमि ( लद्दाख) समेत कुल मिलाकर 46 स्थल शामिल हैं। रामसर कन्वेंशन 2 फरवरी, 1971 में ईरान के… read-more
Tags: Ramsar Site, Wetlands, Ecosystem, Gujrat, Haryana
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ईकोसिस्टम बचाने के लिए 2050 तक पर्यावरण पर करना होगा 587 लाख करोड़ रुपए का निवेश
संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार ईकोसिस्टम बचाने के लिए 2050 तक पर्यावरण पर 587 लाख करोड़ रुपए का निवेश करना होगा। अगर वार्षिक आधार पर देखें तो हर साल जमीन, जलवायु और जैविविधता को बचाने के लिए 38.9 लाख करोड़ रुपए खर्च करने होंगें, जो कि वैश्विक जीडीपी का लगभग 0.13 फीसदी है। यह रिपोर्ट यूनाइटेड नेशन एनवायरनमेंट प्रोग्राम (यूएनईपी), वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) और द इकोनॉमिक्स ऑफ लैंड डिग्रडेशन इनिशिएटिव (ईएलडी) ने तैयार की… read-more
Tags: environment, Ecosystem, GDP, United Nations
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प्रकृति द्वारा प्रति वर्ष लगभग 417 लाख टन मानव अपशिष्ट को किया जाता है साफ़: अध्ययन
दुनिया भर में पारिस्थितिक तंत्र प्रति वर्ष लगभग 417 लाख टन मानव अपशिष्ट को भूमिगत जल में प्रवेश करने से पहले साफ़ करती है, जिसमें प्रति वर्ष लगभग 4.4 बिलियन डॉलर की लागत है। भारत और यूनाइटेड किंगडम द्वारा किए गए पहले वैश्विक मूल्यांकन से अंदाज़ा लगाया गया है कि प्रकृति दुनिया के 48 शहरों में प्रति वर्ष 22 लाख क्यूबिक मीटर मानव अपशिष्ट को संसाधित करती है, वहीं शहरों में जो प्रत्येक वर्ष 20 लाख क्यूबिक मीटर से अधिक मानव अपशिष्ट, बिना बुनियादी… read-more
Tags: Ecosystem, Waste management, Nature, Human waste, Research Report
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