वैज्ञानिकों ने प्लास्टिक को कुछ ही दिनों में नष्ट करने वाले एंजाइम को ढूंढा
वैज्ञानिकों ने एक ऐसा एंजाइम बनाया है जो प्लास्टिक के कंपोनेंट्स को बहुत जल्दी तोड़ देता है। इसपर एक शोध किया गया है, जिसे Nature जर्नल में पब्लिश किया गया है। इसे बनानी वाली टीम का कहना है कि प्लास्टिक प्रदूषण से दूषित जगहों को साफ करने के लिए भी हम इस एंजाइम वैरिएंट का इस्तेमाल कर सकते हैं। प्लास्टिक से बने उत्पादों को एंजाइम एक सप्ताह में ही तोड़ देता है। कुछ को टूटने में केवल 24 घंटे का समय लगा।
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अमेरिका में मिला दो सिर और छह पैरों वाला दुर्लभ कछुआ डॉक्टरों ने 'मैरी' और 'एस्ले' रखा नाम
अमेरिका में एक विचित्र नवजात कछुआ मिला है जिसके छह पैर और दो सिर हैं। वाइल्ड लाइफ सेंटर में कछुए की निगरानी करने वाले चिकित्सकों ने दो सिर के साथ पैदा होने वाली दुर्लभ स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए इसको 'बाईसेफली' स्थिति बताया है। चिकित्सकों ने कछुए के द्वारा पानी में अलग-अलग समय पर सिर ऊपर निकालने के साथ ही प्रत्येक सिर द्वारा तीन पैरों को नियंत्रित करने की भी जानकारी दी है।
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जनवरी एक से सिक्किम में बोतल बंद पानी पर लगेगा पूर्ण प्रतिबंध
सिक्किम में नए साल से बोतल बद पानी को प्रतिबंधित करने का फैसला लिया गया है। मुख्यमंत्री पीएस तमांग ने अक्टूबर दो को गांधी जयंती के मौके पर अपने संबोधन में इस बात की घोषणा की है। संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रतिबंध लगाने के बाद प्राकृतिक संसाधनों से पानी के इंतजाम किए जाने की बात कही है। प्लास्टिक बोतल में उपलब्ध पानी की तुलना में प्राकृतिक संसाधनों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले पानी को मुख्यमंत्री ने अधिक स्वास्थ्यवर्धक बताया है।
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अंडे में ही गाना सीख लेते हैं ज्यादातर पक्षी
ऑस्ट्रेलिया स्थित फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी में जीवों के व्यवहार पर काम करने वाली वैज्ञानिक डायेन कोलमबेली-नेगरेल के अनुसार पक्षी अंडे से बाहर आने से पहले ही कई तरह के गैर-जरूरी आवाजों पर प्रतिक्रियाएं देने लगते हैं। ज्यादातर पक्षी अंडे में ही गाना सिख जाते हैं। स्टडी के अनुसार जब ये अंडे में होते हैं और उनके आसपास के पक्षी गाना गाते और अलग-अलग तरह की आवाजें निकालते हैं, तब ये अंडे के अंदर उन्हें सुनकर उसपर प्रतिक्रिया भी देते हैं।
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पर्यावरण: साइकिल यात्रा के जरिए लगाए 90,000 पौधे
पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने वाले ग्रीनमैन के नाम से विख्यात बाड़मेर निवासी राजपुरोहित अब तक 15 राज्यों और 4 केन्द्र शासित प्रदेशों में 22 हजार किमी यात्रा पूर्ण कर चुके हैं। अब तक उन्होंने 90 हजार पौधे लगाए हैं। उन्होंने कई वन्यजीवों को भी बचाया है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के प्रति आमजन को प्रेरित करना, वन्यजीवों की सुरक्षा एवं सामाजिक सरोकार के कार्य कर जन जागरूकता लाना ही अपनी यात्रा का उद्देश्य बताया है।
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बीमार पक्षी को देखकर बढ़ती है 'कैनेरीज' की इम्यूनिटी
बायोलॉजी लेटर्स द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 'कैरेनीज' पक्षी दूसरे बीमार पक्षियों को देखकर अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने की क्षमता रखता है। ये पक्षी पीले और नारंगी रंग का होता है और जब भी ये किसी बीमार पक्षी को देखता है तो इसके शरीर में रोगप्रतिरोधक क्षमता अपने आप सक्रिय हो जाती है। हालांकि बीमार पक्षी देखने से उत्पन्न इम्यूनिटी 'कैरेनीज' को कैसे और कितना बचाती है, ये अभी स्पष्ट नहीं है।
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प्रकृति को लेकर ज्यादा सचेत और जागरूक हो रहे भारतीय: रिपोर्ट
वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड की इकोनॉमिक इन्टेलिजेंस की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय अब पर्यावरण और प्रकृति को लेकर ज्यादा सचेत और जागरूक हो रहे हैं। पर्यावरण के प्रति चिंता जताने वालों की संख्या भी बढ़ रही है, ट्विटर और सोशल मीडिया पर भी अब पर्यावरण की बात ज्यादा होती है। पिछले पाँच वर्षों में प्रकृति को कम नुकसान… read-more
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प्रकृति द्वारा प्रति वर्ष लगभग 417 लाख टन मानव अपशिष्ट को किया जाता है साफ़: अध्ययन
दुनिया भर में पारिस्थितिक तंत्र प्रति वर्ष लगभग 417 लाख टन मानव अपशिष्ट को भूमिगत जल में प्रवेश करने से पहले साफ़ करती है, जिसमें प्रति वर्ष लगभग 4.4 बिलियन डॉलर की लागत है। भारत और यूनाइटेड किंगडम द्वारा किए गए पहले वैश्विक मूल्यांकन से अंदाज़ा लगाया गया है कि प्रकृति दुनिया के 48 शहरों में प्रति वर्ष 22 लाख क्यूबिक मीटर मानव अपशिष्ट को संसाधित करती है, वहीं शहरों में जो प्रत्येक वर्ष 20 लाख क्यूबिक मीटर से अधिक मानव अपशिष्ट, बिना बुनियादी… read-more
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