कोरोना महामारी के कारण महासागरों में गया 25,000 टन से अधिक प्लास्टिक कचरा
कोरोना महामारी के कारण जमा हुए 80 लाख टन से अधिक प्लास्टिक कचरे में से 25,000 टन से अधिक कचरा महासागरों में फेंका गया है। "प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज" पत्रिका में प्रकाशित एक शोध के अनुसार तीन से चार वर्षों के अंदर महासागर के प्लास्टिक मलबे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा लहरों की सहायता से समुद्र तटों पर आ सकता है। मलबे का एक छोटा हिस्सा समुद्र में जाने के बाद महासागर के बेसिन केंद्रों में फंस जाएगा।
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विश्व की 90% सिंगल यूज प्लास्टिक कचरा सिर्फ 100 कंपनियां कर रहीं पैदा
लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, स्टॉकहोम एनवायरनमेंट इंस्टीट्यूट और मिंडेरू फाउंडेशन की जॉइंट रिसर्च में सामने आया कि दुनिया भर के सिंगल यूज़ प्लास्टिक कचरे का 90% विश्व की सिर्फ 100 कंपनियां पैदा कर रही हैं। इसमें से सिर्फ 20 कंपनियां 55% कचरा पैदा कर रही है और इन कंपनियों को 60% वित्तीय मदद 20 बैंकों या संस्थानों से मिल रही है। इसमें अमेरिका की कंपनी डाउ केमिकल्स और चीन की पेट्रो कंपनी सिनोपेक के नाम भी शामिल है।
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