Soil Erosion

फोटो: Indian Express

ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर चट्टान का बड़ा हिस्सा टूटकर गिरने से 300 यात्री फंसे

उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बारिश के बाद भूस्खलन तेजी से हो रहा है। ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर कर्णप्रयाग के पास पंचपुलिया में पहाड़ी से चट्टान का बड़ा हिस्सा टूटकर पर गिर गया। हाईवे पर बोल्डर गिरने के कारण सड़क के दोनों ओर लंबा जाम लग गया। इस दौरान करीब 300 वाहन जाम में फंस गए। मशीनों की मदद से हाईवे से चट्टान को हटाने का काम शुरू कर दिया है। 

गुरु, 04 अगस्त 2022 - 07:47 PM / by Pranjal Pandey

Tags: Rishikesh, Badrinath, Highway, Karnprayag

Courtesy: Amar ujala

Uttarakhand ranipokhari bridge

फोटोः Vision4News

भारी बारिश के कारण टूटा रानीपोखरी पुल: देहरादून

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में अगस्त 27 को देहरादून को ऋषिकेश से जोड़ने वाला रानीपोखरी पुल अचानक से टूट गया। पुल टूटने से यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हुई है। इस दौरान पुल से गुजर रही गाड़ियां वहीं फंस गई। देहरादून में पिछले 2 दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिसके कारण वहां ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। भारी बारिश के कारण देहरादून में और कई मार्ग भी बंद हैं। 

शुक्र, 27 अगस्त 2021 - 05:20 PM / by Surbhi Shaw

Tags: Dehradun, Rishikesh, ranipokhari bridge, India

Courtesy: ZEE News Hindi

DRDO Covid Center

फोटो: Tmes Of India

उत्तराखंड में 14 दिनों में बनाया गया 500 बेड वाला कोविड केयर सेंटर

DRDO ने महज 14 दिनों में उत्तराखंड के ऋषिकेश में 500 बेड वाला कोविड-19 केयर सेंटर बना दिया। इस सेंटर को तैयार करने के लिए 300 से अधिक कर्मचारियों ने 24 घंटे काम किया है। DRDO द्वारा तैयार किये गए इस सेंटर में 400 आइसोलेशन वार्ड जिनमें 44 बेड बच्चों के लिए हैं और 100 आईसीयू बेड हैं। कोविड सेंटर में ऑक्सीजन, पैथोलॉजी, फार्मेसी, एक्स-रे और ईसीजी जैसी सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।

बुध, 26 मई 2021 - 07:45 PM / by मोहित भारद्वाज

Tags: DRDO, Uttrakhand, Rishikesh, AIIMS Rishikesh

Courtesy: Ndtv Hindi News

Sunderlal Bahuguna

फोटो: The Better India

चिपको आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले सुंदरलाल बहुगुणा का निधन

प्रसिद्ध पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा का कोरोना से निधन हो गया है। उनका उपचार ऋषिकेश में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में चल रहा था। मई 21 की दोपहर 12 बजे उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली। इन्हीं के नेतृत्व में विश्व विख्यात चिपको आंदोलन हुआ था। इसके अलावा इन्होंने एंटी टिहरी डैम आंदोलन की अगुवाई भी की थी। बहुगुणा ने कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों को भी अपना समर्थन दिया था।

शुक्र, 21 मई 2021 - 02:20 PM / by अभिनव शुक्ला

Tags: Chipko movement, Environmental Issues, Covid deaths, Rishikesh

Courtesy: Aajtak News