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पृथ्वी 24 घंटे से कम समय में ही अपनी धुरी का लगाया चक्कर, वैज्ञानिक हैरान
सबसे छोटे दिन के मामले में पृथ्वी ने फिर से अपना रिकॉर्ड तोड़ा है। जुलाई 29 को धरती ने अपना पूरा चक्कर 1.59 मिलीसेकेंड्स कम समय में लगा लिया। 24 घंटे में पृथ्वी को एक चक्कर पूरा करने के लिए जितना समय चाहिए ये उससे कम है। इससे पहले 2020 में धरती पर सबसे छोटा महीना देखा गया था, उस साल 19 जुलाई को धऱती ने 1.47 मिलीसेकेंड पहले ही 24 घंटे का चक्र पूरा कर लिया। 1960 के बाद ऐसा पहली बार देखा गया।
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वैज्ञानिक समझ रहे ब्लॉब की हकीकत, माउंट एवरेस्ट से 100 गुना बड़े
वैज्ञानिकों ने इसके भीतर मौजूद एक रहस्यमय ब्लॉब की तस्वीर बनाकर इसे समझने की कोशिश की है। ब्लॉब हमारी धरती की पपड़ी और उसके कोर के बीच गर्म चट्टान की एक मोटी परत होती है। ठोस होने के बावजूद यह धीरे-धीरे बहती है। इस खोज ने वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है। यह चट्टानें माउंट एवरेस्ट से 100 गुना बड़ी हैं और वैज्ञानिक इस बारे में बहुत कम जानते हैं कि वे वहां क्यों मौजूद हैं।
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राजस्थान की डॉ.बीना मीणा का अमेरिका के नासा में वैज्ञानिक पद पर हुआ चयन
डॉ.बीना मीणा का अमेरिका के अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र नासा में वैज्ञानिक पद पर चयन हुआ है। चयन होने पर गांव सहित आसपास के क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई। डॉ. बीना मीना गुमानपुरा पंचायत में कोरड़ा कंला गांव के नारायण लाल मीणा की बेटी है। डॉ बीना मीणा ने अमेरिका के जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी एटलांटा से 2018-22 में डिपार्टमेंट ऑफ फिजिक्स एंड एस्ट्रोनॉमी में पीएचडी पूर्ण की। वे बचपन से ही सुनीता विलियम्स और कल्पना चावला की फैन रही हैं।
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रोज 500 मीटर नंगे पैर चलने से होते हैं अनेकों फायदे, कमर दर्द होता है गायब
पुराने समय में लोग बगैर जूतों के ही पैदल चलते थे, लेकिन समय के साथ-साथ जूते-चप्पल पहनना आम हो गया। बता दें नंगे पर चलना स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है। साइंटिस्ट और हर्बल मेडिसिन एक्सपर्ट दीपक आचार्य के मुताबिक इसकी वजह से जोड़ों में दर्द, कमर दर्द, बॉडी का बैलेंस बिगड़ना समेत कई परेशानियां दूर होती हैं। साथ ही नर्वस सिस्टम भी सही रहता है जिससे मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहा जा सकता है।
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वैज्ञानिकों ने “कृत्रिम प्रकाश संश्लेषण” का उपयोग करके पौधों को पूर्ण अंधेरे में विकसित करने का तरीका खोजा
वैज्ञानिकों ने “कृत्रिम प्रकाश संश्लेषण” का उपयोग करके पौधों को पूर्ण अंधेरे में विकसित करने और अंधेरे में खाद्य पौधे बनाने का एक तरीका तैयार किया है। शोधकर्ताओं ने जैविक प्रकाश संश्लेषण की जगह लेने वाले “एसीटेट” माध्यम में पूर्ण अंधेरे में पौधे उगाए। उन्होंने कार्बन डाइऑक्साइड, बिजली और पानी को एसीटेट में बदलने के लिए दो चरणों वाली इलेक्ट्रोकैटलिटिक प्रक्रिया का इस्तेमाल किया। खाद्य-उत्पादक पौधों ने तब इस एसीटेट को विकसित करने के लिए सेवन… read-more
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कृषि से हो रहा नाइट्रोजन उत्सर्जन से पर्यावरण को हो रहा नुकसान, CO2 से नाइट्रस आक्साइड 300 गुना अधिक शक्तिशाली
राइस यूनिवर्सिटी के जार्ज आर ब्राउन स्कूल आफ इंजीनियरिंग में पर्यावरण विज्ञानियों ने अपने एक शोध में कहा कि नाइट्रोजन उत्सर्जन प्रदूषण का एक बड़ा कारण है। खेती के कारण उत्सर्जित होने वाली नाइट्रोजन चिंता का विषय है। यह स्वास्थ्य और जलवायु के लिए खतरा है। वैश्विक रूप से देखें तो नाइट्रस आक्साइड ग्लोबल वामिर्ंग के लिए कार्बन डाइआक्साइड की तुलना में लगभग 300 गुना अधिक शक्तिशाली है।
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योगी आदित्यनाथ ने वैज्ञानिकों से कहा लिखें शोधपत्र, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय जर्नल में कराएं उन्हें प्रकाशित
योगी आदित्यनाथ ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय में आयोजित विज्ञान भारती के पांचवें राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारंभ किया। उन्होंने वैज्ञानिकों से आह्वान किया है कि वह जिस क्षेत्र में हैं वहां अधिक से अधिक शोध पत्र लिखें। नए शोध कार्यों और अनुभवों को सामने लाएं। नए शोधार्थियों को उनके बारे में बताएं। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय जर्नल में शोध पत्रों का प्रकाशन कराएं। शोध कार्यों का पेटेंट कराएं।
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अंटार्कटिका की बर्फ में पहली बार मिला माइक्रोप्लास्टिक, वैज्ञानिकों ने बर्फ तेजी से पिघलने की जताई आशंका
वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिक के बर्फ में माइक्रोप्लास्टिक का पता लगाया है, उनका कहना है कि इससे बर्फ के पिघलने में तेजी आने से जलवायु को प्रभावित करने की क्षमता है। पूर्व के अध्ययन में पाया गया कि माइक्रोप्लास्टिक का पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह जीवों में विकास, प्रजनन और सामान्य जैविक कार्यों को सीमित करता है तथा इंसानों पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। हालांकि, यह भी संभावना है कि अंटार्कटिका में इंसानों की उपस्थिति से… read-more
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आईटी मंत्रालय में कार्यरत वैज्ञानिक ने लगाई शास्त्री भवन की सातवीं मंजिल से छलांग
पुलिस ने मई 23 को बताया कि सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय में कार्यरत एक 55 वर्षीय वैज्ञानिक ने दिल्ली में शास्त्री भवन की इमारत की सातवीं मंजिल से कूदकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। मृतक राजेश मल्लिक, पश्चिमी दिल्ली के पीरागढ़ी के रहने वाले थे। पुलिस उपायुक्त अमृता गुगुलोथ ने कहा, "शास्त्री भवन से कूदने वाले व्यक्ति के बारे में सूचना मिली थी। जब स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची, तो उस व्यक्ति… read-more
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पृथ्वी को मिला सौर मंडल के बाहर के ग्रह से पहला रेडियो सिग्नल
खगोलविदों ने पहली बार सौर मंडल के बाहर मौजूद ग्रह से आने वाले रेडियो संकेतों की खोज की है। खगोलविदों ने एक बयान में कहा, "हम लंबे समय से जानते हैं कि हमारे अपने सौर मंडल के ग्रह शक्तिशाली रेडियो तरंगों का उत्सर्जन करते हैं क्योंकि उनके चुंबकीय क्षेत्र सौर हवा के साथ बातचीत करते हैं, लेकिन हमारे सौर मंडल के बाहर के ग्रहों से रेडियो सिग्नल अभी तक नहीं लिए गए थे"।
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