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फोटो: The Indian Express

श्वेत के मुकाबले अश्वेतों में फर्टिलिटी ट्रीटमेंट सफल होने की संभावनाएं कम: शोध

ह्यूमन फर्टिलाइजेशन एंड एम्ब्रायोलॉजी अथॉरिटी की रिसर्च में दावा किया गया कि श्वेत के मुकाबले अश्वेतों में फर्टिलिटी ट्रीटमेंट सफल होने की संभावनाएं कम होती है। शोध में देखा गया है कि IVF के जरिए 30-34 साल की अश्वेत मरीजों का औसतन बर्थ रेट 23% था तो वहीं, श्वेत मरीजों में यही आंकड़ा 30% देखा गया है। शोधकर्ताओं ने 2014-2018 तक, 4 साल चली रीसर्च में यह कहा कि बर्थ-रेट कम होने की वजह से आर्थिक तंगी और शरीर में मौजूद बीमारियां जैसे मोटापा हो सकता… read-more

सोम, 29 मार्च 2021 - 08:00 PM / by Shruti

Tags: IVF, treatment, Black & White, Newborn, Research Report

Courtesy: Bhaskar News