भुवनेश्वर में लोगों ने किया 'जीरो शैडो डे' का अनुभव
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में लोगों ने मई 21 को 'जीरो शैडो डे' का अनुभव किया। इस दौरान किसी भी वस्तु की परछाई नहीं दिखती है। ऐसा खगोलीय घटना के कारण होता है। सूर्य पृथ्वी के भूमध्य रेखा के 23.5° उत्तर से 23.5° दक्षिण तक जाता है। जब किसी स्थान का अक्षांश सूर्य और भूमध्य रेखा के बीच के कोण के बराबर हो जाता है तब उस स्थान पर 'जीरो शैडो डे' का अनुभव किया जाता है।
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पृथ्वी की धुरी बदल रहा जलवायु परिवर्तन: शोध
जलवायु परिवर्तन के कारण पृथ्वी की धुरी पर असर पड़ रहा है जिससे तापमान में बढ़ोत्तरी होने के कारण ग्लेशियर पिघल रहा है। ग्लेशियर पिघलने से पृथ्वी के ध्रुवों में जो संतुलन है वो अस्थिर हो गया है, जिससे पृथ्वी का झुकाव बढ़ गया है। हाल में हुए शोध के मुताबिक 1990 के बाद करोड़ों टन बर्फ पिघलने से पृथ्वी के द्रव्यमान का वित्रण परिवर्तित हो रहा है। वहीं ग्लोबल वार्मिंग से बर्फ पिघलने के चलते धुरी की दिशा बदली है।
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लगभग 243 करोड़ साल पहले हुई थी धरती पर ऑक्सीजन की महत्वपूर्ण वृद्धि
जर्नल नेचर में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक धरती पर ऑक्सीजन में महत्वपूर्ण वृद्धि लगभग 243 करोड़ साल पहले हुई थी जिसे ग्रेट ऑक्सिडेशन एपिसोड शुरुआत कहा जाता है। ये विकास वर्तमान अनुमान से करीब 10 करोड़ वर्ष बाद हुआ था जो पृथ्वी के इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है। शोध के अनुसार उस समय वातावरण में ऑक्सीजन स्थिर रूप में मौजूद नहीं होने की वजह से जीवन की उत्पत्ति नहीं हो सकी थी। शोधकर्ताओं द्वारा यह जानकारी दक्षिण अफ्रीका में चट्टानों के विश्लेषण में… read-more
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21 मार्च को 77,00 मील प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी के करीब से गुजरेगा अब तक का सबसे बड़ा उल्कापिंड
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के अनुसार मार्च 21- 2021 को पृथ्वी के बहुत करीब से तीन हजार फीट का उल्कापिंड गुजरने वाला है, जिसे 20 साल पहले खोजा गया था। नासा के मुताबिक स्टेरॉयड 20021 एफओ 32 एस्टेरॉयड की स्पीड 77,00 मील प्रति घंटे की है जो धरती के पास मौजूद एस्टेरॉयड से बेहद ज्यादा है। वहीं इससे पृथ्वी को किसी भी प्रकार का कोई खतरा नहीं है। पृथ्वी अनुसंधान केंद्र के निदेशक पॉल चोडास ने कहा कि इसे दक्षिण दिशा में स्टार चार्ट की मदद से देख सकते हैं।
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