अपशिष्ट जल और सीवरेज से बढ़ रहा है "सार्स कोव-2" का खतरा: शोध
कोरोना महामारी के दौरान दस्ताने और विशेष रूप से मास्क जैसे सभी प्रकार के ठोस कचरे को टॉयलेट सीट के भीतर फेंक देने से अपशिष्ट जल में सार्स कोव-2 की उपस्थिति देखी गयी है। जापानी अध्ययन में शोधकर्ताओं द्वारा लिए गए अपशिष्ट जल के 27 नमूनों के विश्लेषण में 7 वायरस को एक साथ पाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक इस वक़्त भारत में अपशिष्ट जल और सीवरेज में सार्स कोव-2 की उपस्थिति का पता लगाना अनिवार्य होना चाहिए।
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कोविड-19 के प्रभाव को रोकने के लिए शारीरिक दूरी से अधिक महत्वपूर्ण है मास्क और वेंटिलेशन
फिजिक्स ऑफ फ्लुइड्स पत्रिका में प्रकाशित एक नए शोध के मुताबिक कमरे में हवा से होने वाले कोरोना-वायरस के प्रभाव को रोकने के लिए शारीरिक दूरी से अधिक महत्वपूर्ण मास्क और बेहतर वेंटिलेशन व्यवस्था है। इस शोध को विद्यार्थियों और एक शिक्षक के साथ एक कक्षा के कंप्यूटर मॉडल पर हवा के प्रवाह से संक्रमण फैलने के खतरे को मापा गया है। यह अध्ययन स्कूलों या अन्य स्थानों पर क्षमता बढ़ाने के लिए मास्क को आवश्यक बनाने की जरूरत को दर्शाता है।
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