सुप्रीम कोर्ट ने बदला परिवार अदालत का आदेश, स्नातक होने तक करनी होगी बेटे की परवरिश
भारत के सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट ने परिवार अदालत का फैसला बदलते हुए आदेश दिया है कि अब माता-पिता को अपने बेटे की परवरिश 18 वर्ष की उम्र होने तक नहीं बल्कि उसके स्नातक होने तक करनी होगी। कोर्ट ने यह फैसला स्तानक को न्यू बेसिक एजुकेशन करार देते हुए दिया है। यह फैसला कर्नाटक सरकार के स्वास्थ्य विभाग के एक कर्मी के बेटे को 18 वर्ष की आयु तक शिक्षा में होने वाले खर्चों का वहन करने के आदेश वाले मामले में सुनाया गया है।