उत्तरी मध्य एशिया में जल संसाधनों की कमी के पीछे स्वयं लोग हैं कसूरवार
उत्तरी मध्य एशिया में सूखे की प्रवृत्ति को लेकर जियोफिजिकल रिसर्च-लेटर्स नामक पत्रिका में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक इन क्षेत्रों में जल संसाधनों की कमी का संकट 1950 के दशक के बाद से सूखे की प्रवृत्ति के कारण हुआ है। इसके लिए बांधों के निर्माण, जलमार्गों को मोड़ने और पानी की बर्बादी को इस कमी के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। वहीं ग्रीनहाउस गैसों और एरोसोल के मानवजनित उत्सर्जन का भी जल संसाधनों पर असर पड़ रहा है।