एकल कामकाजी महिला किशोर न्याय अधिनियम के तहत गोद ले सकती है: बॉम्बे हाईकोर्ट
बंबई उच्च न्यायालय (एचसी) का कहना है कि एकल कामकाजी महिलाएं अब बच्चे को गोद ले सकती हैं। एक महिला द्वारा दायर याचिका की समीक्षा में जिसे अपनी बहन को गोद लेने की अनुमति नहीं थी, बॉम्बे हाईकोर्ट ने किशोर न्याय अधिनियम के तहत कहा, एकल कामकाजी महिला महिला बच्चा गोद ले सकती है। जस्टिस गौरी गोडसे ने कहा, अगर सभी मापदंड पूरे होते हैं तो कोई तलाकशुदा या अकेली महिला गोद ले सकती है।