बहादुर दिव्यांग जिसने विकलांगता को हराकर पूरा किया डॉक्टर बनने का सपना
केरल की बिजू मरिया 25 साल की थी, जब एक दुर्घटना के बाद उनकी गर्दन के नीचे का हिस्सा पैरालाइज्ड हो गया। उसके बाद उनकी सर्जरी हुई और चार महीने तक अस्पताल में उनका इलाज चला। लंबा समय अस्पताल में बिताने के बाद वे एक बार फिर हिम्मत करके उठीं और कॉलेज जाने लगीं और अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। लेकिन ऑपरेशन के बाद भी उंगिलयो में ज्यादा तनाव नहीं था। ऐसे में कॉलेज वालों ने उन्हें परीक्षा में किसी और से लिखवाने के लिए अनुमति दे दी। फिलहाल वे एमडी की पढ़ाई कर रही हैं।