'हिन्दी पत्रकारिता दिवस' ने समाज में जलाई लोकतांत्रिक मूल्यों की रोशनी
राष्ट्रीय 'हिंदी पत्रकारिता दिवस' हर साल मई 30 को मनाया जाता है। आज के दिन ही हिंदी भाषा में ‘‘उदंत मार्तण्ड’’ नाम का समाचार पत्र 1826 में निकाला गया था। इसके बाद कई हिन्दी समाचार पत्र निकाले गए। हिंदी पत्रकारिता मिसाल बनकर लोगों की आवाज बन गया और कुछ समय के बाद इसने सरकार और जनता के बीच संवाद का काम करना शुरु कर दिया। हिन्दी पत्रकारिता की शुरुआत में राजा राम मोहन राय ने अहम योगदान दिया था। उन्होंने संवाद कौमदी, मिरातुल और बंगाल हैराल्ड जैसे समाचार पत्र लाकर लोगों में चेतना फैलाई। उन्होंने प्रेस को समाजिक उद्देशय से जोड़ दिया। वह भारतवासियों के समाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और धार्मिक हितों का समर्थन कर रहे थे। आज के दौर में लोकतांत्रिक हितों का समर्थन नहीं हो रहा है। आज का दिन उन पत्रकारों के नाम है जिन्होंने ग़ुलाम भारत में भी जनता के आवाज़ों को बुलंद रखा, और आज के लिए आदर्श स्थापित किया। एक लक्ष्य के साथ आगे बढ़ते महात्मा गांधी, पंडित जुगल किशोर शुक्ल, राजा राम मोहन राय, गणेश शंकर विद्यार्थी जैसे महान पत्रकारों का देश की स्वतंत्रता में अहम योगदान है।