उत्तराखंड की “कंकालों की झील” बनी वैज्ञानिकों के लिए रहस्य
उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में समुद्रतल से क़रीब 16,500 फीट यानी 5,029 मीटर की ऊंचाई पर स्थित रूपकुंड झील में एक अरसे से इंसानी हड्डियां बिखरी होने की वजह से इसे “कंकालों की झील” कहा जाता है। ब्रिटिश फॉरेस्ट रेंजर ने गश्त के दौरान साल 1942 में इस झील की खोज की थी, तब से अब तक मानवविज्ञानी और वैज्ञानिक इन कंकालों का अध्ययन कर रहे हैं। अब तक यहां 600-800 लोगों के कंकाल देखे गए हैं, जिसमें कई बार हड्डियों के साथ पूरे इंसानी अंग भी होते हैं।