डिप्रेशन के मरीजों को जेनेटिक टेस्टिंग से हो सकता है लाभ
डिप्रेशन के मरीजों पर हुई एक स्टडी में सामने आया कि फार्माकोजेनोमिक टेस्टिंग से एंटी-डिप्रेशन मेडिकेशन को अवॉइड किया जा सकता है। फार्माकोजेनोमिक्स दवाइयों पर जींस के प्रति असर की स्टडी हुई है। जेनेटिक टेस्टिंग करने वाले लोगों में डिप्रेशन के लक्षणों में कमी देखने को मिली है। स्टडी में उन लोगों को शामिल किया गया है जिन्हें गंभीर डिप्रेसिव डिसऑर्डर था। इसमें अनिद्रा, भूख की कमी, दुख, आत्महत्या जैसे लक्षण दिखते है।