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प्रेस स्वतंत्रता दिवस देता है आजाद अभिव्यक्ति का अधिकार
संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा मई 3, 1993 में विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की घोषणा हुई, जिसके बाद दुनिया भर के लोगों ने इसे मनाने शुरू कर दिया। इस दिन हम प्रेस के सिद्दांत,मूल्यांकान और दिवंगत हुए संवाददाताओं को श्रद्धांजलि देते हैं। इस दिन 'गिलेरमो कानो वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम प्राइड' उस व्यक्ति या संस्थान को मिलता है जिसने प्रेस की आज़ादी में अहम योगदान दिया हो। भारत में प्रेस की स्वतंत्रता भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 में अभिव्यक्ति की आजादी को मजबूत करती है। प्रेस की स्वतंत्रता ही समाज में आइने का काम करती है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोकतंत्र में होना लाज़मी है, जो हमें सही जानकारी देना और आजादी का महत्व समझाती है। हमारे देश में प्रभाष जोशी, करन थापर, कुलदीप नैयर और विनोद दुआ जैसे पत्रकारों ने हमेशा देश में हो रहे अहम मुद्दे औऱ सरकारी नीतियों पर सवाल किया है और इनके योगदान से भारत में प्रेस आजादी का स्तर बढ़ा है।