रेलवे के निजीकरण को लेकर कामगार व प्रशासन के बीच भारी मतभेद
सरकारी संपत्ति भारतीय रेलवे की निजीकरण की नीतियों को लेकर रेलवे के कर्मचारी व खुद रेलवे बोर्ड के बीच भारी मतभेद है। रेलवे में किसी भी प्रकार के छोटे या बड़े निजीकरण का रेलवे कर्मचारी खुलकर विरोध कर रहे हैं। वहीं रेल मंत्री ने पहले ही साफ कर दिया है कि रेलवे का निजीकरण नहीं होगा। लेकिन फिर भी रेलवे 150 ट्रेनें निजी निवेश के बाद चलवाना चाहता है जिसको लेकर कर्मचारियों के बीच भारी असंतोष है। बता दें कि रेलवे के सभी यूनियन आंदोलन की चेतावनी भी दे चुके हैं।